Additional information
| Weight | 10 gm, 25 gm |
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Price range: Rs.250.00 through Rs.562.50
– प्रकार: हाइब्रिड ग्रीन खीरा – देसी खीरा भी बोला जाता है
– पौधा: जोरदार बेल, गहरा हरा पत्ता, रोग प्रतिरोधी
– फल का आकार व रंग:, सीधा, बेलनाकार फल, हरा, चमकदार और आकर्षक, सतह चिकनी और हल्की धारियाँ
– फल का औसत वजन: 150–200 ग्राम
– लंबाई: 20–22 सेमी
– एकरूपता: सारे फल एक जैसे, समान आकार और लंबाई वाले
– सहनशीलता: डाउनी मिल्ड्यू, पाउडरी मिल्ड्यू, वायरस रोगों के प्रति सहनशील
– फसल अवधि: 40–45 दिन में पहली तुड़ाई
– उपज क्षमता: 200–250 क्विंटल प्रति एकड़ उत्तम प्रबंधन में
– बाजार में स्वीकार्यता: हरे, चमकदार और कुरकुरे फल होने के कारण मंडी और सुपर मार्केट दोनों में मांग अधिक
जलवायु व भूमि:
– गर्म एवं आर्द्र जलवायु उपयुक्त
– अच्छी जल निकासी वाली बलुई-दोमट भूमि सर्वोत्तम
– pH: 6.0–7.5
भूमि की तैयारी:
– 2–3 गहरी जुताई
– पाटा चलाकर भुरभुरी मिट्टी बनाएं
– मेढ़ या बेड बनाकर सिंचाई की व्यवस्था करें
बीज दर:
– 200–300 ग्राम बीज प्रति एकड़ पर्याप्त
बुवाई का समय:
– बुवाई समय जनवरी से मार्च और जून से अगस्त
बुवाई की विधि व दूरी:
– स्पेसिंग लाइन से लाइन 5-6 फुट, पौधे से पौधा 1 फ़ीट
– गहराई: 1.5–2 सेमी पर बीज बोयें
– अंकुरण 7-10 दिन में
खाद एवं उर्वरक प्रबंधन (प्रति एकड़):
– गोबर की खाद (FYM): 5–7 टन
– नत्रजन (N): 30–40 किग्रा
– फॉस्फोरस (P₂O₅): 20–25 किग्रा
– पोटाश (K₂O): 20–25 किग्रा
– पूरी फॉस्फोरस और पूरी पोटाश बेसल डोज में दें, नत्रजन दो भागों में दें, आधा बेसल, बाकि आधे को आवश्कता अनुसार 2 भागों में बुवाई उपरांत 20-25 दिन और 35 से 40 दिन उपरान्त दें
– फ्रूटिंग टाइम दौरान 15 से 20 दिन अंतराल पर बोरॉन का स्प्रे जरूर करते रहें
सिंचाई:
– पहली सिंचाई तुरंत बुवाई के बाद
– गर्मी में 7–10 दिन के अंतराल पर गर्मी में
– बरसात में आवश्कता अनुसार
– जल भराव से बचाव आवश्यक
निराई-गुड़ाई व मचान (Trellising):
– खरपतवार नियंत्रण हेतु 2–3 निराई
– समतल भूमि, बैड या जाल (net) पर की खेती के लिए अति उपयुक्त हाइब्रिड
– बेल को सहारा देने हेतु जाल/मचान प्रणाली (Trellis) का उपयोग करें, इससे फल सीधा, चमकदार और रोग मुक्त रहता है
फूल व फल प्रबंधन:
– छोटे फलों की नियमित तुड़ाई करें
– कीट एवं रोग प्रबंधन:
– फफूंदजनित रोग: डाउनी/पाउडरी मिल्ड्यू → सल्फर: 80% डब्ल्यू डीजी फॉर्म में 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें या मैन्कोजेब + मेटालेक्सिल या क्लोरोथालोनिल का छिड़काव
– वायरस (लाल मक्खी, एफिड्स द्वारा फैलता है) → नीम तेल/इमिडाक्लोप्रिड का प्रयोग
– फल मक्खी/ fruit fly → फेरोमोन ट्रैप लगाएँ या बायर कंपनी का Solomon (Beta-Cyfluthrin 8.49% + Imidacloprid 19.81% OD) 1ml/1 लीटर पानी में स्प्रे करें
तुड़ाई
– पहली तुड़ाई बुवाई के 40–45 दिन बाद
– उसके बाद हर 2–3 दिन पर नियमित तुड़ाई
– कोमल अवस्था में तोड़ने से बेहतर दाम मिलता है
उपज:
– सामान्य प्रबंधन में: 180–200 क्विंटल प्रति एकड़
– उत्तम प्रबंधन व मचान पर खेती में: 200–225 क्विंटल प्रति एकड़
“नोट: फसल की पैदावार स्थानीय जलवायु परिस्थितियों एवं प्रबंधन
पद्धतियों पर निर्भर करती है, अतः परिणाम क्षेत्र अनुसार भिन्न हो सकते हैं”
| Weight | 10 gm, 25 gm |
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